कथा सुनना सभी पुण्य कर्मों से श्रेष्ठः प्रमोद सुधाकर जी महाराज
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कथा सुनना सभी पुण्य कर्मों से श्रेष्ठः प्रमोद सुधाकर जी महाराज
मुजफ्फरनगर। सनातन धर्म सभा भवन निकट झांसी की रानी पर आयोजित कथा में दूसरे दिन कथावाचक परम पूज्य श्री 108 गुरू जी प्रमोद सुधाकर जी महाराज ने प्रमुख प्रसंग राजा परीक्षित, शुकदेवजी महाराज के जन्म, परीक्षित को मिले श्राप, भागवत कथा का महत्व और भगवान के अवतारों का वर्णन किया। भक्तगण इन लीलाओं के श्रोताओं के रूप में भाव-विभोर हुए। कथावाचक परम पूज्य श्री 108 गुरू जी प्रमोद सुधाकर जी महाराज ने कहा कि राजा परीक्षित ने ऋषि के गले में मृत सर्प डाल दिया, जिसका परिणाम यह हुआ कि ऋषिपुत्र ने उन्हें सात दिनों में तक्षक नाग द्वारा मृत्यु का श्राप दे दिया। इसके पश्चात परीक्षित ने अपना राज्य पुत्र के हवाले करके गंगा तट पर जा कर श्रीमद्भागवत कथा को सुनने का निश्चय किया। नारदजी के पूछने पर शिव जी ने पार्वती को मुंडमाला का रहस्य समझाया, इसी बीच श्री शुकदेवजी का जन्म हुआ। परीक्षित को मुक्ति देने के लिए शुकदेव जी का प्राकट्य होता है। कथा व्यास ने कहा कि कथा सुनना सभी पुण्य कर्मों से श्रेष्ठ है और यह भक्ति, मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करती है। वहीं मुख्य अतिथि के रूप में सुधीर सैनी जिलाध्यक्ष भाजपा, देवदत्त त्यागी पूर्व जिलाध्यक्ष, राजीव गर्ग व यजमान के रूप में श्रीमती एवं श्री राजीव मित्तल, श्रीमती एवं श्री प्रमोद शर्मा, श्रीमती एवं श्री अनुराग जैन, राज कमल जैन, श्रीमती एवं श्री अभिषेक अभिमन्यू रहे। वहीं विद्वान पंडितों द्वारा पूजा अर्चना सम्पन्न करायी गयी। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में श्री कृष्ण प्रणामी सेवा समिति परिवार पवन गोयल, अजय गुप्ता, संदीप मित्तल, अमित गोयल, राजकुमार मित्तल, सचिन मित्तल, रजत गोयल, आशु मित्तल, आनंद गुप्ता, देवेंद्र वेद मूर्ति, पं. तेजपाल, राजेश उपमन्यू, सुधीर कुमार मित्तल, श्रीमती नीलिमा गुप्ता, श्रीमती अलका मित्तल, श्रीमती रजनीश मित्तल, श्रीमती मोहिनी शर्मा, श्रीमती रीता गोयल, श्रीमती रूचि मित्तल, श्रीमती गीता गोयल, श्रीमती ममता गुप्ता, श्रीमती शैफाली मित्तल, श्रीमती नीलम मित्तल, श्रीमती अर्चना गेायल, श्रीमती रेणू गोयल, श्रीमती अनिका शर्मा के अथक प्रयास से कथा का शुभारम्भ श्रद्धाभाव के साथ किया गया।


