बासमती धान की खुशबू से महकेगा मुजफ्फरनगर
1 min read
*बासमती धान की खुशबू से महकेगा मुजफ्फरनगर : जिलाधिकारी*
………………………………………………………..
*बाजार की मांग के अनुसार कृषक करें खेती- जिलाधिकारी : जिलाधिकारी*
………………………………………………………..
मुजफ्फरनगर 23/मई/2025 विकास भवन सभागार में बासमती धान-बायर-सेलर मीट का आयोजन जिलाधिकारी श्री उमेश मिश्रा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। जिसकी सह अध्यक्षता मुख्य विकास अधिकारी द्वारा कि गयी। इस कार्यक्रम में एपीडा से डॉ रितेश शर्मा, संयुक्त निदेशक बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान मेरठ और निर्यातको में श्री सुरेन्द्र कुमार, एग्रो इण्डिया ताराबडी करनाल, श्री मधुसूदन भारद्वाज, सपल टेक अमृतसर, श्री पंकज कुमार, दयाल सीड्स एण्ड फर्टिलाइजर्स, श्री सुधीर कुमार चमन लाल सेतिया करनाल, श्री विनोद कुमार सैनी, नीर आदर्श आर्गेनिक एफ० पी० ओ० सरधना मेरठ, श्री अभिषेक कुमार फार्च्यून राइस, श्री शिवम दौलत राइस ग्रुप संभल उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरूआत सभी के परिचय के साथ हुआ। सर्वप्रथम संतोष कुमार उप निदेशक, कृषि द्वारा सभी का स्वागत किया गया। श्री रितेश शर्मा, संयुक्त निदेशक द्वारा बासमती धान उत्पादन हेतु तकनीकी जानकारी प्रदान की गयी। श्री शर्मा द्वारा बासमती उत्पादन के विभिन्न चरणों में आने वाली समस्याओं एवं उनके समाधान के बारे में बताया। उनके द्वारा बताया गया कि गतवर्ष मार्च तक 6 मिलियन टन बासमती चावल का निर्यात किया गया जिससे लगभग 5390 मिलियन अमेरिकी डॉलर विदेशी मुद्रा की प्राप्ती हुई। उनके द्वारा बताया गया कि देश के कुल कृषि निर्यात का 20 प्रतिशत केवल बासमती चावल का होता है। एग्रो इण्डिया के प्रतिनिधि श्री सुरेन्द्र द्ववारा बताया गया कि उनकी कम्पनी बासमती निर्यात में देश में प्रथम है। वे मुख्यालय से पीबी-1, पीबी-1401, 1637, 1121,1718 बासमती प्रजातियों के निर्यात करते है। मानक के अनुरूप उत्पाद होने पर समस्त बासमती धान का निर्यात करने में कोई समस्या नही है। सपल टैक के प्रतिनिधि द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा पीबी-1121, 1718,1885, 1692, 1509 का निर्यात किया जाता है। दौलत राईस ग्रुप से श्री शिवम द्वारा बताया गया कि उनके समस्त बासमती प्रजातियों के साथ साथ अन्य कृषि उत्पाद का निर्यात किया जाता है। नीर आदर्श एफ० पी० ओ० के प्रतिनिधि द्वारा बताया गया कि किसान भाई चिराग सीड कम्पनी से उच्च गुणवत्ता युक्त बासमती धान का बीज कय कर सकते है।
कार्यकम में कृषक श्री सतेन्द्र सिंह जानसठ, श्री राकेश कुमार प्रतिनिधि एग्री फार्म बडी मुजफ्फरनगर, श्री अरविन्द मलिक चरथावल, श्री ध्यान सिंह जानसठ, श्री तैमूर अली बुढाना, श्री विनोद त्यागी शाहपुर, श्री अमित कुमार पुरकाजी, श्री कुशलवीर मुजफ्फरनगर, श्री सन्त राम खतौली, श्री हरेन्द्र कुमार बघरा, श्री सजय सिंह, जगदीप सिहं मोरना, श्री रवि शर्मा जानसठ सहित लगभग 110 कृषक कृषक मौजूद रहे। श्री राकेश कुमार द्वारा वैज्ञानिको से अपेक्षा की गयी कि धान कि कटाई हाथ से करने या मशीन से करने पर गुणवत्ता पर क्या प्रभाव पडता है। डॉ. रितेश शर्मा सयुक्त निदेशक द्वारा बताया गया कि हाथ से कटाई की गयी बासमती धान की क्वालिटी मशीन की अपेक्षा अच्छी होती है। कृषक द्वारा पुछा गया कि गुणवत्ता बीज की उपलब्धता कहा से होती है। इस बारे में बताया गया कि कृषक भाई टैंग लगी हुई बीज एवं अधिकृत विक्रेताओं से ही खरीदे। जिला कृषि अधिकारी श्री राहुल तेवतिया द्वारा बताया गया कि कृषि विभाग के गोदाम पर बासमती धान पीबी-1847,1692 एवं 1509 उपलब्ध है। कृषक भाई 50 प्रतिशत अनुदान पर बीज प्राप्त कर सकते है।
जिलाधिकारी द्वारा सभी का धन्यवाद करते हुए निर्देशित किया गया कि सभी कृषक बाजार-मांग के अनुसार खेती करें और यूरोप, अमेरिका एवं पश्चिम एशियाई देशों में निर्यात योग्य बासमती प्रजातियों का उत्पादन करें। उन्होंने बीज की गुणवत्ता पर ध्यान देते हुए
कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि कृषकों को उच्च गुणवत्ता युक्त बीज उपलब्ध कराया जाये। मानक के विपरित बीज विकताओं पर कार्यवाही करे जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि बीज चयन के साथ साथ नर्सरी के खेत की तैयारी से लेकर कटाई तक समस्त तकनीकी विधियों को अपनाये। कृषको से अनुरोध करते हुए कि वे लागत को कम करने हेतु उचित मात्रा में ही उर्वरक, दवा एवं पानी का उपयोग करें। जिससे कृषक की लागत में कमी के साथ साथ जल एवं जमीन को बचाया जा सकें। जिलाधिकारी महोदय द्वारा “कृषि से उद्योग” का नारा देते हुए विशेषकर युवाओं को कृषि में अपने रोजगार प्राप्त करने हेतु आवाहन किया गया। ब्लॉकवार कैम्प लगाकर कम से कम प्रति विकास खण्ड 10 कृषको को गुणवत्ता युक्त बासमती धान उगाने के लिये चयन करे। कृषकों एवं निर्यातकों के बीच एक सहमती हो जिससे उत्पादक को गारण्टेड मूल्य प्राप्त हो एवं निर्यातक को गुणवत्ता युक्त बासमती चावल प्राप्त हो जिससे जनपद का नाम विश्व पटल पर प्रदर्शित हो। उन्होंने बताया कि मुजफ्फरनगर की मिटटी एवं जलवायु बासमती धान उत्पदन के लिये देश में सबसे अच्छी है।
कृषकों को बासमती चावल की तकनीकी लिटरेचर एवं आवश्यक प्रशिक्षिण दिया जाये। बासमती धान की प्रोसेसिग के लिये आवश्यक मशीनरी हेतु कॉमन फैसिलिटी सेन्टर की स्थापना की जाय। इसलिए आवश्यक प्रक्रिया को जल्द पूर्ण किया जाये। जिससे वर्ष के अन्त तक कृषकों को बासमती प्रोसेसिग, हेतु उच्च क्वालिटी की मशीने प्राप्त हो जाये। युवाओ को 25 लाख तक के लोन 25 प्रतिशत सब्सिडी पर प्राप्त हो रहे है। युवा कृषक बासमती चावल की प्रोसेसिग, पैकेजिंग, ब्राण्डिंग एवं मार्केटिंग क्षेत्र में कार्य करें। अन्त में उप निदेशक कृषि संतोष कुमार ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया।


