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October 5, 2025

Suraj Kesari

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उर्दू बेदारी फोरम उत्तर प्रदेश ( बराय फरोग ए उर्दू ) द्वारा मुजफ्फरनगर मै विश्व उर्दू दिवस मनाया गया: अल्लामा इकबाल अवार्ड से किया सम्मानित

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मुजफ्फरनगर,10 नवंबर प्राप्त समाचार के अनुसार
विश्व उर्दू दिवस पर उर्दू साहित्य के लिए अल्लामा इकबाल अवार्ड शिक्षा के लिए मौलाना अबुल कलाम आजाद अवार्ड और विद्यार्थियों के लिए अलम मुजफ्फरनगरी अवार्ड दिए गए।

विश्व उर्दू दिवस शिक्षा दिवस के अवसर पर उर्दू बेदारी फोरम मुजफ्फरनगर के तत्वाधान में इकरा पब्लिक स्कूल मुजफ्फरनगर में एक संगोष्ठी उर्दू शिक्षा का भविष्य और हमारी जिम्मेदारी का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता प्रसिद्ध शायर डॉ. सदाकत देवबंदी ने की। कार्यक्रम के मुख्यअतिथि शहर काजी तनवीर आलम साहब रहे कार्यक्रम मुहम्मद इरशाद ने किया।
कारी इरफान साहब ने तिलावत-ए-कुरान पाक से शुरुआत की।
एशिया पब्लिक स्कूल सरवट के विद्यार्थियों द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया ।अफ्फान कक्षा 7 के छात्र ने उर्दू दिवस के अवसर पर अपने विचार व्यक्त किऐ।
कार्यक्रम के बारे में विस्तार पूर्वक बताते हुए उर्दू बेदारी फोरम मुजफ्फरनगर के संयोजक शहजाद अली ने कहा कि चूंकि उर्दू हमारी मातृभाषा है और हमारी शिक्षा से संबंधित है, इसलिए हर वार्ष की तरह इस वर्ष भी उर्दू से जुड़ी दो हस्तियों को श्रद्धांजलि देने के लिए शिक्षा दिवस और उर्दू दिवस एक साथ मनाने का निर्णय लिया गया है , आधुनिक, वैज्ञानिक, शहरी अध्ययन और अन्य विषय हमारी शिक्षा का एक हिस्सा हैं, उसी तरह उर्दू भाषा भी हमारी शिक्षा का एक हिस्सा है, इसलिए यह छात्रों और उर्दू भाषी लोगों के लिए एक अनुस्मारक है उर्दू के भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए हम जो भी प्रभावी संघर्ष कर सकते हैं उसे लागू करना है। इस कार्यक्रम में कुछ छात्रों, कुछ शिक्षकों, कवियों और लेखकों को सम्मान चिहं से सम्मानित किया जाएगा ताकि वे नई ऊर्जा के साथ समाज में आगे बढ़ें और उर्दू के प्रचार-प्रसार के लिए खुद को प्रस्तुत करें।
फोरम के को कन्वीनर हाजी औसाफ अहमद अंसारी ने अपने संबोधन में छात्रों को संस्कार में शिक्षा प्राप्त करने और इनसानियत पालन करने के लिए आमंत्रित किया ताकि हम अपने आप को और अपने जीवन को अच्छा बना सकें। शिक्षा में गुणवत्ता पैदा करने पर जोर दिया। युवा छात्रों से अपील की कि वे समाज में अपनी भूमिका के साथ इनसानियत के प्रतिनिधि बनकर समाज को एक नई राह दिखाएं और यह तभी संभव हो सकता है जब हम इतिहास और अपने पूर्वजों के नक्शेकदम पर चलें। इसलिए हमें अपने इतिहास का अध्ययन करना होगा, हमें अपने पूर्वजों के विचारों का अध्ययन करना होगा, तभी हम अपना भविष्य तय कर पाएंगे।

काजी तनवीर आलम शहर काजी ने कहा कि शिक्षा एक ऐसा महान गहना है जो एक इंसान को बेहतर इंसान बना सकती है। अल्लामा इकबाल का जीवन हमारे लिए सबसे अच्छा सबूत है और इस्लाम की मान्यताओं और नींव को मजबूत किया और समाज को एक संदेश दिया हम किसी चीज पर मन लगाते हैं और उसके लिए प्रयास करते हैं, हम अपने रास्ते से किसी भी बड़ी चट्टान को उसी तरह हटा सकते हैं जैसे अल्लामा इकबाल ने किया था। उन्होंने हवा की विपरीत दिशा में अध्ययन किया, लेकिन वे अपने पथप्रदर्शक बनकर इस्लाम राष्ट्र का नेतृत्व करते हैं संस्कृति और धर्म उसी प्रकार आज के विद्यार्थियों को अपनी संस्कृति, भाषा और धर्म की रक्षा के लिए स्वयं को तैयार करना चाहिए।
महबूब आलम एडवोकेट खालिद सर, प्रसिध शायर मौ0 अहमद खान मुजफ्फरनगरी ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।
इस अवसर पर निम्नलिखित पुरस्कार दिये गये
उर्दू साहित्य के लिए पुरस्कार अब्दुल हक सहर व पत्रकार जफर इकबाल ईटीवी भारत, अल्लामा इकबाल अवार्ड, एशिया पब्लिक स्कूल सरवट के निदेशक मुहम्मद गयूर, आजाद पब्लिक स्कूल दधेडू से खालिद हसन सर, जिन्होंने अपने विद्यालय में उर्दू भाषा की गुणवत्ता को बनाए रखा,को मौलाना अबुल कलाम आजाद अवार्ड दिया गया। उर्दू मीडियम से बी ए कर चुके गुलफ्शा, मौलाना मुहम्मद अहमद, तनवीर अब्बास, एमए के छात्र शान मुहम्मद और फरमान अली, कक्षा 10 के छात्र हर्षवर्धन को भी अलम मुजफ्फरनगरी अवार्ड से सम्मानित किया गया।
अध्यक्षीय भाषण प्रस्तुत करते हुए देश के मशहूर शायर डॉ. सदाकत देवबंदी ने कहा मौलाना आजाद की शख्सियत के जेरे साया मुल्क में यूजीसी,आइ आइ टी, अनेक रिसर्च सेंटर कायम किया और बताया कि उर्दू एक सभ्यता और संस्कृति है जिसकी इंसानियत को जरूरत है, माता-पिता को अपने घरों में उर्दू को जिंदा रखना चाहिए, तभी उर्दू की रक्षा हो सकेगी। इस अवसर पर प्रसिध शयार अबदूल हक सहर ने शिक्षा जागृति के लिऐ निन्म शेर पढाः
सबकी निगह उठती है उस फूल की तरफ
बस्ता जो लेकर जाता है स्कूल की तरफ
इस अवसर पर डॉ. रियाज अली, महबूब आलम एडवोकेट, मुहम्मद अहमद,बाबर , जर्रार ,शमशाद अहमद,मुस्तफा कमाल,फरमान अली, शफीक एडवोकेट इकरा कम्प्यूटर सेंटर के संचालक फुरकान,, शकील एडवोकेट, असद हैदर,डा. गुलशेद पंडीर, मुहम्मद खालिद, नईम अहमद, अली नवाज, जमीर हसन, हाजी फसीहुद्दीन, शब्बीर अली, हुसैन अहमद.उवैस आदि उपस्थित रहे।

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