फर्जी मुकदमा दर्ज करने को लेकर पत्रकारों ने ककरौली थाने पर किया प्रदर्शन
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*फर्जी मुकदमा दर्ज करने को लेकर पत्रकारों ने ककरौली थाने पर किया प्रदर्शन*
*पुलिस को पत्रकारों ने दिया रविवार तक का समय*
*मुकदमा खत्म नहीं होने पर पत्रकार करेंगे बड़ा आंदोलन*
*मुज़फ्फरनगर में ककरौली पुलिस ने महज एक सूचना को प्रसारित करने और बाद में उसे हटाने के बावजूद पत्रकार नूर मोहम्मद पर मुकदमा दर्ज कर दिया। पुलिस की इस कार्रवाई को स्वतंत्र पत्रकारिता पर अंकुश लगाने और प्रेस की आज़ादी का गला घोंटने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है, जिसे लेकर पत्रकारों ने ककरौली थाने पर पहुंचकर प्रदर्शन करते हुए फर्जी मुकदमा खत्म करने की मांग पुलिस से की है।*
*ककरौली थाना क्षेत्र के ग्राम कम्हेड़ा में बाइक सवार दो लोगों ने एक बच्चे का अपहरण करने की सूचना प्राप्त हुई। एक जिम्मेदार पत्रकार के तौर पर नूर मोहम्मद ने सबसे पहले इस सूचना की पुष्टि के लिए संबंधित दरोगा से संपर्क किया। दरोगा ने स्वयं यह पुष्टि की कि उन्हें ऐसी सूचना मिली है।*
*सूचना प्रसारित होने के कुछ ही समय बाद, SHO ककरौली ने नूर मोहम्मद से संपर्क साधा और उनसे वह सूचना डिलीट करने का आग्रह किया। पत्रकार नूर मोहम्मद ने पुलिस के आग्रह का सम्मान करते हुए तत्काल वह सूचना डिलीट कर दी।*
*रात्रि में पुलिस ने पत्रकार नूर मोहम्मद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया। मुकदमा लिखा जाने की सूचना जब पत्रकारों को लगी तो इस मामले को गंभीरता से लेते हुए ककरौली थाने पर दोपहर के समय ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन व उपज से जुड़े जनपद मुजफ्फरनगर के जानसठ, मीरापुर, रामराज, मोरना, भोपा, ककरौली, खतौली, पुरकाजी, छपार आदि स्थानों के सैकड़ो पत्रकार थाने पर इकट्ठा हो गए तथा पत्रकार एकता जिंदाबाद के नारे लगाते हुए थाने में प्रदर्शन शुरू कर दिया तथा पत्रकार पर हुए फर्जी मुकदमे को हटाने की मांग पुलिस से करने लगे। पुलिस से हुई वार्ता के दौरान पुलिस ने फर्जी मुकदमा वापस लेने की बात कही है, जिस पर थानाध्यक्ष को पत्रकारों द्वारा रविवार तक का समय दिया गया है।*
*पुलिस ने अगर पत्रकार पर हुए फर्जी मुकदमे को खत्म नहीं किया तो सोमवार से बड़ा आंदोलन किया जाएगा, जिसका जिम्मेदार पुलिस प्रशासन होगा, इस दौरान मुजफ्फरनगर जनपद से भी वरिष्ठ पत्रकारों का ग्रुप पहुंच गया था और बड़ी संख्या में वरिष्ठ पत्रकारों ने पत्रकारों की न्याय की जंग में सहभागिता की अब देखना यह है कि पत्रकारों को न्याय कब मिलता है यह मामला बहुत तेजी के साथ तूल पकड़ता जा रहा है पत्रकारों ने इस संदर्भ में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से हस्तक्षेप की भी मांग की है ताकि पत्रकारों को न्याय मिल सके, सोचने वाली बात यह है कि जब पत्रकार ने पुलिस का अनुभव स्वीकार कर लिया और समाचार भी डिलीट कर दिया था फिर भी पुलिस ने उसे पर मुकदमा दर्ज कर दिया यह बात उचित नहीं लगी क्योंकि पत्रकारों और पुलिस का तो एक प्रकार से चोली दामन का साथ होता है और मधुर संबंध भी पुलिस और पत्रकारों के बीच में सदैव रहते हैं क्योंकि अधिकतर समाचार पुलिस के सहयोग से भी प्राप्त होते हैं आखिरकार पत्रकारों को पुलिस का विरोध क्यों करना पड़ा यह भी महत्वपूर्ण विषय है क्योंकि ग्रामीण पत्रकार तो खासतौर से पुलिस का काफी सहयोग भी करते हैं और जब से मुजफ्फरनगर जनपद में श्री संजय कुमार वर्मा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के पद पर आए हैं तब से पुलिस और पत्रकारों के बीच और अधिक मधुर संबंध स्थापित हो सके हैं स्वयं कप्तान साहब श्री संजय कुमार वर्मा अत्यंत ही व्यवहार कुशल अधिकारी है और पत्रकारों से सीधा संवाद करने में विश्वास करते हैं मामला वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री संजय कुमार वर्मा के संज्ञान में भी आया है जहां तक पुलिस अधीक्षक ग्रामीण श्री आदित्य बंसल का सवाल है तो पुलिस अधीक्षक ग्रामीण श्री आदित्य बंसल की बहुत ही बेहतरीन अधिकारी है और लगातार सभी पत्रकारों से उनके मधुर संबंध है वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री संजय कुमार वर्मा से अनुरोध है कि इस पूरे प्रकरण का संज्ञान लेकर पत्रकारों को न्याय दिया जाए ताकि जनपद मुजफ्फरनगर पुलिस और जनपद मुजफ्फरनगर के सभी पत्रकारों के बीच मधुर संबंध और अधिक मजबूत हों*