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October 4, 2025

Suraj Kesari

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मुजफ्फरनगर के जीएसटी विभाग और व्यापारियों में क्यों खिंच गई तलवारें

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मुजफ्फरनगर के जीएसटी विभाग और व्यापारियों में क्यों खिंच गई तलवारें। *उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल द्वारा मुख्यमंत्री को प्रेषित ज्ञापन जिलाधिकारी उमेश मिश्रा को दिया गया

मुजफ्फरनगर 24 जुलाई प्राप्त समाचार के अनुसार

आज उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल द्वारा एक ज्ञापन माननीय मुख्यमंत्री जी को जिलाधिकारी महोदय के द्वारा दिया गया जिसमें बताया गया कि उत्तर प्रदेश राज्य कर विभाग द्वारा विगत कुछ महीनो से व्यापारियों के विरुद्ध दमनकारी नीति अपनाते हुए उनके बैंक खातों को सीज किया जा रहा है और खातों से धन निकासी भी की जा रही है I जीएसटी में ईमेल द्वारा नोटिस दिए जाते हैं जिससे व्यापारी उनको देख नहीं पाते हैं और व्यापारियों के खाते सीज किए जा रहे हैं और खातों से रकम भी निकल जा रही है I ईमेल देख ना पाने के कारण व्यापारी ग्रेड-1 के यहां अपील भी नहीं कर पाते हैं I इसके साथ ही घोषणा के बावजूद ट्रिब्यूनल ना होने के कारण दूसरी अपील भी नहीं कर पा रहे हैं I अभी हाल ही में दिनांक 10.7.2025 के आदेश में आदेश संख्या 009103316500 के द्वारा झांसी के राज्य कर विभाग द्वारा ₹5000 की वसूली में स्कूटी को जप्त किया गया है एवं एक दूसरे मामले में ₹10000 की वसूली में पुराना सोफा सेट आदेश संख्या 090724216757 के द्वारा जप्त किया गया है जो की पूर्णतः अनुचित एवं व्यापारी सम्मान के विरुद्ध है यह एक अशोभनीय घटना है I

प्रदेश के विभिन्न जनपदों में सर्वे के नाम पर व्यापारियों का जीएसटी अधिकारी अनैतिक रूप से उत्पीड़न कर रहे हैं I इसी प्रकार सचल दल विभाग द्वारा छोटी-छोटी मानवीय भूलवश ई वे बिल सहित सभी परिपत्र होने के बावजूद गाड़ियों में पेनल्टी लगाकर जुर्माना जमा कराया जाता है और अपील द्वारा रिफंड किए जाने के बात की जाती है जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है और सरकार की छवि धूमिल होती है I मान्यवर राज्य कर विभाग द्वारा जीएसटी की धारा 79 का दुरुपयोग कर अपना नंबर का गुड वर्क दिखाने के लिए जिस तरह से कार्य प्रणाली को अपनाया है और प्रदेश भर में व्यापारियों का उत्पीड़न या शोषण किया जा रहा है, जिससे व्यापारियों में बड़ा रोष है, लेकिन व्यापारी को कोई स्पीकिंग ऑर्डर (कारण सहित आदेश) जारी नहीं किया जाता I स्पीकिंग ऑर्डर ऐसा आदेश होता है जिसमें अधिकारी को अपने फैसले के पीछे के कारणों को स्पष्ट रूप से बताना होता है कि उसका निर्णय किन तथ्यों सबूत और कानून के प्रावधानों पर आधारित है I स्पीकिंग ऑर्डर के अभाव में व्यापारी अपील में भी नहीं जा सकता और जीएसटी का रिफंड भी नहीं ले सकता, इससे शासन एवं विभाग की छवि धूमिल हो रही है I इस प्रकार की कार्रवाई पर अंकुश लगाया जाना अति आवश्यक है I महोदय, जीएसटी की दरे कम की जाए एवं इनकम टैक्स की तरह जीएसटी में भी रिवाइज्ड रिटर्न की सुविधा प्रदान की जाए I गुड़ से संबंधित सभी सेवाओं यथा भंडारण, आडत, ट्रांसपोर्ट आदि पर से जीएसटी हटाया जाए I साथ ही यह निवेदन है कि राज्य कर विभाग द्वारा व्यापारियों के विरुद्ध की जा रही अपमानजनक कार्यवाही पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए एवं अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किया जाए वह राज्य कर विभाग व्यापारी के कर सलाहकार उनकी सूची जारी करें जिससे वह व्यापारियों का बकाया का समाधान कर सके I ज्ञापन देने में मुख्य रूप से वरिष्ठ प्रांतीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक अशोक कंसल, जिला महामंत्री श्याम सिंह सैनी, जिला मीडिया प्रभारी हिमांशु कौशिक, नगर अध्यक्ष अजय सिंघल, नगर महामंत्री प्रवीण खेड़ा, राकेश गर्ग, सुलखन सिंह, दिनेश बंसल, अलका शर्मा, दिनेश गिरी, रामपाल सेन, अनिल तायल, अभिजीत गंभीर, कुणाल छाबड़ा, बाबूराम मालिक, धर्मपाल कपूर, संजय मित्तल, पंकज शर्मा, अमित गर्ग, अशोक छाबड़ा, अमित मित्तल, पंकज अपवेजा इत्यादि व्यापारी गण उपस्थित रहे I आम चर्चा यह है कि मुजफ्फरनगर के जीएसटी विभाग और मुजफ्फरनगर के व्यापारियों के बीच आखिर क्यों खिंच गई है तलवारे, आज मुजफ्फरनगर जनपद जिला अधिकारी उमेश मिश्रा के सामने व्यापारियों ने दिल खोलकर मुजफ्फरनगर जनपद के जीएसटी विभाग के अधिकारियों की शिकायतें की और परेशानियां भी बताई

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