आठ साल, आठ महापरिवर्तन
1 min read
*आठ साल, आठ महापरिवर्तन*
*बीमारू प्रदेश से उभर कर स्वस्थ्य और उत्तम प्रदेश बना उत्तर प्रदेश*
*- योगी सरकार के प्रयास से पिछले आठ वर्षों में चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में बदली प्रदेश की छवि*
*- पिछले आठ वर्षों में प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या में वृद्धि, एमबीबीएस-पीजी सीटों में हुआ विस्तार*
*- योगी सरकार ने सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों, रिसर्च संस्थानों तथा आयुष चिकित्सा को बढ़ावा देकर चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में नया स्वर्णिम अध्याय लिखा*
*- प्रदेश के 352 सीएचसी को एफआरयू सुविधा से किया गया लैस, 72 स्वास्थ्य इकाइयों को सोलर से पहुंचायी जा रही बिजली*
*- पिछले एक वर्ष में 10 हजार उपकेंद्रों को बिजली की सुविधा से किया गया लैस, सभी जिलों में दी जा रही डायलिसिस की सुविधा*
*- उत्तम स्वास्थ्य सेवाओं को देखते हुए 800 से अधिक स्वास्थ्य इकाइयों को सौंपा गया एनक्यूएएस सर्टिफिकेट*
*- वर्ष 2017 से पहले प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से बेपटरी हो गयी थी, इलाज के अभाव में मरीज तोड़ रहे थे दम*
*- पिछली सरकार के पोषित माफिया थे हावी, डॉक्टर्स के साथ आएदिन आती थी मारपीट के मामले*
*- बीमारू और माफिया प्रदेश से पूरे देश में बदनाम हाे गया था उत्तर प्रदेश, स्वास्थ्य सेवाओं के लिए दूसरे प्रदेश को पलायन को मजबूर थे मरीज*
*लखनऊ, 6 अगस्त:* वर्ष 2017 से पहले बीमारू प्रदेश कहे जाने वाला उत्तर प्रदेश पिछले आठ वर्षों में स्वस्थ्य और उत्तम प्रदेश बनकर उभरा है। यह सब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शी सोच और हर प्रदेशवासी को सस्ता और गुणवत्तापूर्ण इलाज उपलब्ध कराने के दृढ़ संकल्प से साकार हो पाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं का तेजी से विस्तार हुआ है। योगी सरकार ने पिछले आठ वर्षों में प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या में वृद्धि, एमबीबीएस-पीजी सीटों में विस्तार, सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों और रिसर्च संस्थानों की स्थापना तथा आयुष चिकित्सा को बढ़ावा देकर चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में एक नया स्वर्णिम अध्याय लिखा है। इन प्रयासों से प्रदेश के लाखों युवाओं को बेहतर चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण का अवसर मिल रहा है, जिससे भविष्य में प्रदेश के स्वास्थ्य ढांचे को और मजबूत किया जा सकेगा।
याेगी सरकार के पिछले आठ वर्षों के कार्यकल में प्रदेश में हेल्थ सेक्टर के इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर वर्क फोर्स समेत अन्य सुविधाओं में काफी इजाफा हुआ है। साथ ही वर्तमान में प्रदेशवासियों को सुगम, सस्ता और गुणवत्तापूर्ण इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है। सीएम योगी की मॉनीटरिंग का ही नतीजा है उत्तर प्रदेश, जो वर्ष 2017 से पहले ‘बीमारू प्रदेश’ के नाम से जाना जाता था, आज स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहा है। वर्ष 2017 में सत्ता संभालने के बाद से, योगी सरकार ने प्रदेश के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। इन्हीं प्रयासों का नतीजा है कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभूतपूर्व विस्तार हुआ है।
*मेडिकल कॉलेज और एमबीबीएस संग पीजी सीटों में हुए इजाफा*
पिछले आठ वर्षों में प्रदेश में 80 मेडिकल कॉलेज संचालित किए गए हैं, जिनमें 44 राजकीय एवं 36 निजी मेडिकल कॉलेज शामिल हैं। यह उपलब्धि प्रदेश के स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में मील का पत्थर साबित हो रही हैं। प्रदेश सरकार की दूरदर्शिता का ही परिणाम है कि बिजनौर, बुलंदशहर, कुशीनगर, पीलीभीत, सुल्तानपुर, कानपुर देहात, ललितपुर, औरैया, चंदौली, गोंडा, सोनभद्र, लखीमपुर खीरी और कौशांबी जैसे जिलों में स्वशासी मेडिकल कॉलेजों में पठन-पाठन प्रारंभ हो चुका है। वहीं, महाराजगंज, शामली और संभल में पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल के तहत मेडिकल कॉलेजों की स्थापना कर चिकित्सा शिक्षा को और अधिक सुलभ बनाया गया है। वहीं प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा को मजबूती देने के लिए एमबीबीएस और पीजी सीटों में भी ऐतिहासिक वृद्धि की गई है। वर्तमान में सरकारी क्षेत्र में 5,250 एमबीबीएस सीटें उपलब्ध हैं, जबकि निजी क्षेत्र में 6,550 सीटें हैं। इसके अतिरिक्त पीपीपी मॉडल पर स्थापित तीन नए मेडिकल कॉलेजों में 350 अतिरिक्त सीटें जोड़ी गई हैं। इसी तरह, सरकारी क्षेत्र में एमडी/एमएस/डिप्लोमा सीटों की संख्या 900 से बढ़कर 1,871 हो गई है, जबकि निजी क्षेत्र में 2,100 पीजी सीटें उपलब्ध हैं। सुपर स्पेशियलिटी पाठ्यक्रमों में भी 250 सीटें जोड़ी गई हैं, जिससे प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा को और अधिक समृद्ध किया गया है।
*आयुष शिक्षा को भी मिला बढ़ावा*
योगी सरकार के प्रयासों से आयुष चिकित्सा शिक्षा को भी बढ़ावा मिला है। अयोध्या में राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय और वाराणसी में राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज की स्थापना की गई है। प्रदेश में कुल 2,110 आयुर्वेदिक, 254 यूनानी और 1,585 होम्योपैथिक चिकित्सालय कार्यरत हैं। इसके अलावा, 08 आयुर्वेदिक कॉलेज, 02 यूनानी कॉलेज और 09 होम्योपैथिक कॉलेजों के साथ उनके संबद्ध चिकित्सालय भी संचालित किए जा रहे हैं। प्रदेश सरकार ने आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना करते हुए महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना की है। इसके अलावा, प्रदेश में आयुष बोर्ड के गठन का भी निर्णय लिया गया है, जिससे आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी चिकित्सा को एक सुदृढ़ संरचना मिलेगी।
*सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों और संस्थानों की स्थापना*
चिकित्सा सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए राजधानी लखनऊ में कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी कैंसर इंस्टीट्यूट में ‘सेंटर फॉर एडवांस मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक्स एंड रिसर्च फॉर कैंसर’ की स्थापना की गई है। इसके अलावा संजय गांधी पीजीआई (SGPGI) में डायबिटीज सेंटर की स्थापना के साथ-साथ 500 बेड के एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर का निर्माण कार्य प्रगति पर है। आईआईटी कानपुर के तहत 500 शैय्यायुक्त सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के साथ ‘स्कूल ऑफ मेडिकल रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी’ की स्थापना भी की जा रही है, जो चिकित्सा अनुसंधान और अत्याधुनिक तकनीकों को बढ़ावा देगा।
*नर्सिंग और पैरामेडिकल शिक्षा को लगे पंख*
योगी सरकार ने नर्सिंग और पैरामेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। प्रदेश में स्वीकृत 27 नर्सिंग कॉलेजों में से 25 में निर्माण कार्य प्रारंभ हो गया है। साथ ही, नर्सिंग में 7,000 सीटों और पैरामेडिकल में 2,000 सीटों की वृद्धि की गई है। प्रदेश में लंबे समय से बंद पड़े 35 एएनएम (सहायक नर्सिंग मिडवाइफरी) प्रशिक्षण केंद्रों को पुनः शुरू किया गया है। मिशन निरामया के अंतर्गत नर्सिंग और पैरामेडिकल संस्थानों की गुणवत्ता सुधार के लिए कई कार्यक्रम संचालित किए गए हैं और ‘मेंटॉर-मेंटी मॉडल’ लागू किया गया है। योगी सरकार ने प्रदेश को मेडिकल शिक्षा के बड़े संस्थानों की सौगात दी है। लखनऊ में अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है। वहीं, गोरखपुर और रायबरेली में एम्स (AIIMS) का संचालन किया जा रहा है, जिससे पूर्वी और मध्य उत्तर प्रदेश के लोगों को विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं प्राप्त हो रही हैं।
*स्वास्थ्य सुविधाओं में हुआ ऐतिहासिक सुधार, सौर ऊर्जा से रौशन हो रहीं स्वास्थ्य इकाइयां*
प्रदेश के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लगातारा विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। वर्तमान में 352 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) से अधिक को फर्स्ट रेफरल यूनिट (एफआरयू) की सुविधाओं से लैस किया गया है। इसके अलावा 72 स्वास्थ्य इकाइयों को पहली बार सौर ऊर्जा से बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की गई है। यह कदम पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ ऊर्जा के वैकल्पिक साधनों को अपनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। वहीं पिछले एक वर्ष में 10,000 से अधिक स्वास्थ्य उपकेंद्रों को बिजली की सुविधा से जोड़ा गया है, जिससे राज्य के ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हुआ है। इतना ही नहीं सभी जिलों में डायलिसिस सेवाएं शुरू की गई हैं, जिससे किडनी रोगियों को बड़ी राहत मिली है। साथ ही 74 जिलों में सीटी स्कैन की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है, जिससे रोगियों को सस्ती और सुलभ जांच सेवाएं प्राप्त हो रही हैं।
*515 ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट और 74 क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक बनकर तैयार*
प्रदेश भर में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को मान्यता दिलाने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत अब तक 798 स्वास्थ्य इकाइयों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ है। यह प्रमाण पत्र प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार का प्रमाण है। इसके साथ ही ऑन-कॉल निजी विशेषज्ञों और स्त्री रोग विशेषज्ञों की व्यवस्था ने ग्रामीण के साथ शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाया है। प्रदेश में प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत 4,892 करोड़ रुपये की परियोजनाओं काे अमलीजामा पहनाया गया है। इनमें 515 ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट, 75 जिला स्तर पर इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब और 74 क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक का निर्माण शामिल है। अब तक 2,334 परियोजनाओं में से 2,100 पर काम शुरू हो चुका है और 1,321 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। भवन निर्माण के तहत 1,670 परियोजनाएं शुरू हुईं, जिनमें से 1,173 पूरी हो चुकी हैं। याेगी सरकार के इन प्रयासों से न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार हुआ है, बल्कि आम जनता को बेहतर और किफायती इलाज का लाभ भी मिल रहा है। मरीजों को विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवाएं सुगम तरीके से उपलब्ध कराई जा रही हैं। योगी सरकार के इन सुधारात्मक कदमों ने उत्तर प्रदेश को स्वास्थ्य के क्षेत्र में ‘बीमारू प्रदेश’ की छवि से उबारकर ‘स्वस्थ प्रदेश’ बना दिया है। प्रदेशवासियों को अब सुगम, सस्ता और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं, जो न केवल प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित हो रही हैं बल्कि देश के अन्य राज्यों के लिए मॉडल बनकर उभरी हैं।
*हिंदी कीवर्ड*
उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य सुधार, योगी सरकार चिकित्सा शिक्षा, मेडिकल कॉलेज उत्तर प्रदेश, आयुष चिकित्सा शिक्षा, सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल उत्तर प्रदेश, स्वास्थ्य सेवाएं उत्तर प्रदेश
*इंग्लिश कीवर्ड*
Uttar Pradesh health reforms, Yogi government medical education, Medical colleges Uttar Pradesh, AYUSH medical education, Super-specialty hospitals Uttar Pradesh, Healthcare services Uttar Pradesh
*हैशटैग*
#UttarPradeshHealth, #YogiGovernment, #MedicalEducation,#AYUSHHealthcare, #SuperSpecialtyHospitals, #HealthcareReforms
*मेटा कीवर्ड*
Uttar Pradesh healthcare improvements, Yogi government medical initiatives,Expansion of medical colleges Uttar Pradesh, AYUSH education and healthcare, Super-specialty hospitals in Uttar Pradesh, Health infrastructure development UP